Chapter – 1 (प्रारंम्भ)
नमस्कार दोस्तो यहाँ से हम आयकर अधिनियम 1961 के बारे में पढ़ेंगे, आयकर की आधिकारिक वैबसाइट पर इसके कुल 23 अध्याय ओर 298 सेक्शन दिये हुये हैं इस सीरीज में हम उन सभी के बारे मे विस्तार से चर्चा करेंगे। आयकर अधिनियम 1961 के अध्याय 1 में तीन सेक्शन का उल्लेख किया गया हैं जिनके बारे में हम आज यहा समझेंगे।
सेक्शन 1 : शीर्षक, विस्तार और प्रारंभ
जैसा की इस Section 1 का नाम हैं उसी प्रकार की ही जानकारी इसमे उपलब्ध हैं। इस अधिनियम को आधिकारिक तौर पर आयकर अधिनियम 1961 के नाम से जाना जाता हैं। यह अधिनियम सम्पूर्ण भारत पर लागू होता हैं मतलब के इस अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत यह अधिनियम भारत की भोगोलिक सीमाओ के अंदर रहने वाले या आय अर्जित करने वाले सभी करदाताओ पर यह अधिनियम लागू होता हैं।
यहाँ भोगोलिक सीमाओ में रहने वाले और आय अर्जित करने वालो से तात्पर्य हैं के एक वह व्यक्ति जो भारत में ही रहता हैं और यहाँ पर आय भी कर रहा हैं जबकि एक ऐसा व्यक्ति जो भारत से बाहर किसी अन्य देश में रहता हैं किन्तु वह भारत देश में किसी कार्य से आय अर्जित कर रहा हैं तो उसकी आय पर आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार ही कर की गणना की जाएगी
साथ ही इस सेक्शन मे बताया गया हैं की यह अधिनियम 1 अप्रैल 1962 से लागू किया गया।
तो आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 1 मे केवल इन्ही बातों का उल्लेख हैं की इस अधिनियम का नाम और इसका विस्तार कहा से कहा तक अर्थात ये कहा कहा लागू होगा, तथा अंत मे वो तारीख जिस से यह अधिनियम प्रावधान मे आया।
अगर ऊपर दी गयी जानकारी के विषय मे अन्य कोई सवाल हैं तो आप कमेंट करके जरूर पूछ सकते हैं। धन्यवाद